Sangat Ka Asar Bure Kaam Ka Bura Natija “संगत का असर बुरे काम का बुरा नातीजा” एक हिंदी कहानी है जो हमारे कार्यों और परिणामों पर हमारे परिवेश के प्रभाव के बारे में एक मूल्यवान नैतिक सबक सिखाती है। कहानी के पात्रों और घटनाओं के माध्यम से हम सकारात्मक प्रभावों को चुनने और नकारात्मक प्रभावों से बचने के महत्व के बारे में सीख सकते हैं।
Table of Contents
Sangat Ka Asar Bure Kaam Ka Bura Natija Moral Story in Hindi
एक बार की बात है, एक लड़का बहुत गरीब परिवार से था | उसके माता-पिता जैसे-तैसे करके घर का गुजारा करते थे | वह लड़का हर रोज यह सब देखकर परेशान रहता था कि उसके मां-बाप कितने दुखी हैं और कितनी ज्यादा कड़ी मेहनत के बाद भी बस घर का निर्वाह ही बहुत मुश्किल से हो पाता था | ऊपर से उसकी बड़ी बहन भी शादी के लायक हो गई थी | दिन प्रतिदिन घर की हालत खराब ही होती जा रही थी | वह लड़का कुछ ना कुछ बड़ा काम करना चाहता था |
लेकिन किसी भी काम को करने से पहले पैसा होना बहुत जरूरी होता है | उसके पास इतना पैसा नहीं था | एक दिन वह आराम से पेड़ के नीचे बैठकर सोच रहा था कि तभी उसका एक दोस्त आया | वह भी उसके पास बैठ गया | वह भी गरीब परिवार से था और बहुत परेशान था | लेकिन उसका दोस्त गलत इरादों और संगति वाला था | उसका दोस्त उससे कहने लगा कि क्यों ना हम कहीं बड़े से घर में से चोरी करके हाथ साफ कर ले | पहले तो उस लड़के ने कहा कि नहीं यह सब गलत बात है |
चोरी करेंगे तो झूठ भी बोलना पड़ेगा और एक बात को छुपाने के लिए तो 100 झूठ बोलने पड़ते हैं | यह सब गलत है मैं ऐसा काम नहीं करूंगा जिससे मेरे मां-बाप को शर्मिंदा होना पड़े | वे जीते जी मर जाएंगे फिर उसके दोस्त ने कहा कि अरे हम सिर्फ एक बार ही चोरी करेंगे बाद में उन चोरी के पैसे से कुछ नया और बड़ा काम शुरू कर देंगे और फिर तुझे तो अपनी बहन की शादी भी करनी है और मजदूरी कर कर के तेरे मां-बाप भी बहुत बूढ़े और कमजोर हो गए हैं |
आखिर वह कब तक काम करेंगे | अब लड़का बहुत गहरी सोच में पड़ चुका था | वह अपने दोस्त की बातों में आ गया और दोनों मिलकर चोरी करने के बारे में सोचने लगे | उन्होंने रात के समय एक बड़े से महल जैसे घर में चोरी करने गए और उन्हें बहुत सारे गहने पैसे मिले और रात को ही हाथ साफ करके वहां से भाग गए | वह दोनों बहुत खुश थे | अब वे दोनों सोचने लगे कि दो-तीन बार ऐसे ही हाथ साफ कर लेंगे तो पूरी जिंदगी आराम से बीत जाएगी | यह सोचकर वे दोनों बार-बार चोरी करने लगे |
उनके घर वालों ने बहुत बार उनसे पूछने की कोशिश की लेकिन वह कुछ न कुछ कह कर बात को टाल देते थे | जैसे हमने बहुत बड़ा व्यापार शुरू कर दिया है या किसी से पैसे उधार लेकर नया बिजनेस शुरू किया है | यह उसी का नतीजा है लेकिन कहते हैं ना बुराई का अंत आखिर में बुरा ही होता है, चाहे झूठ बोलने वाला कितना ही शातिर क्यों ना हो झूठ आखिर झूठ होता है | एक ना एक दिन जरूर पकड़ा जाता है | अब उस लड़के ने अपनी बहन की शादी भी कर दी थी और बड़ा घर ले लिया था |
अब उसके पास एक बड़ी सी गाड़ी भी थी | उसके मां-बाप भी आराम से अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे | 1 दिन फिर उसका दोस्त और वह लड़का बैंक में चोरी करने के बारे में सोचने लगे और चोरी करने की पूरी योजना बनाई | वह वारदात को अंजाम देने को निकले और वहां पुलिस के हाथ को पकड़े गए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिली | अब उस लड़के के मां बाप अपने बेटे को कोसने लगे और बहुत विलाप करने लगे | वह कहने लगे कि बुरे काम का हमेशा बुरा ही नतीजा होता है |
बुरे कर्म करने वाला व्यक्ति कितना भी शातिर क्यों ना हो एक दिन जरूर पकड़ा जाता है | वह दोनों दोस्त एक चोरी करने के बारे में सोच रहे थे | लेकिन बुराई, चोरी, झूठ एक ऐसी चीज है जिसमें व्यक्ति पूर्ण रूप से धसत्ता चला जाता है | इसलिए कहते हैं बुराई और बुरे व्यक्ति, बुरी संगत से हमेशा दूर ही रहना चाहिए | Bure Kaam Ka Bura Natija
Sangat Ka Asar Bure Kaam Ka Bura Natija कहानी का परिचय और उसका नैतिक पाठ।
“संगत का असर बुरे काम का बुरा नतीजा” एक हिंदी कहानी है जो हमारे व्यवहार और पसंद पर हमारे परिवेश के प्रभाव पर जोर देती है। कहानी एक युवक का अनुसरण करती है जो एक बुरी भीड़ में पड़ जाता है और नकारात्मक व्यवहार करना शुरू कर देता है। परिणामस्वरूप, वह नकारात्मक परिणामों का अनुभव करता है और सकारात्मक प्रभावों को चुनने के महत्व को सीखता है। कहानी का नैतिक पाठ यह है कि हमारे परिवेश का हमारे कार्यों और परिणामों पर एक शक्तिशाली प्रभाव हो सकता है, और अपने आप को सकारात्मक प्रभावों से घेरना महत्वपूर्ण है।

संगत का असर बुरे काम का बुरा नतीजा की कहानी।
“संगत का असर बुरे काम का बुरा नातीजा” एक हिंदी कहानी है जो एक ऐसे युवक की कहानी कहती है जो एक बुरी भीड़ में पड़ जाता है और नकारात्मक व्यवहार करना शुरू कर देता है। परिणामस्वरूप, वह नकारात्मक परिणामों का अनुभव करता है और सकारात्मक प्रभावों को चुनने के महत्व को सीखता है। कहानी का नैतिक पाठ यह है कि हमारे परिवेश का हमारे कार्यों और परिणामों पर एक शक्तिशाली प्रभाव हो सकता है, और अपने आप को सकारात्मक प्रभावों से घेरना महत्वपूर्ण है। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि हम किस कंपनी में रहते हैं और इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
हमारे व्यवहार और विकल्पों पर नकारात्मक संगति का प्रभाव।
Sangat Ka Asar Bure Kaam Ka Bura Natija “संगत का असर बुरे काम का बुरा नतीजा” की कहानी नकारात्मक कंपनी के हमारे व्यवहार और विकल्पों पर पड़ने वाले शक्तिशाली प्रभाव को उजागर करती है। जब हम अपने आप को ऐसे लोगों से घेर लेते हैं जो नकारात्मक व्यवहार में संलग्न होते हैं, तो स्वयं उन्हीं प्रतिमानों में पड़ना आसान हो सकता है। इससे नकारात्मक परिणाम और परिणाम हो सकते हैं, जैसा कि कहानी में युवक सीखता है।
हम जिस कंपनी को रखते हैं उसके बारे में सावधान रहना और सकारात्मक प्रभावों का चयन करना महत्वपूर्ण है जो हमें अच्छे विकल्प बनाने और जीवन को पूरा करने में मदद करेंगे।
Sangat Ka Asar Bure Kaam Ka Bura Natija सकारात्मक प्रभावों और परिवेश को चुनने का महत्व।
“संगत का असर बुरे काम का बुरा नतीजा” की कहानी सकारात्मक प्रभावों और परिवेश को चुनने के महत्व की याद दिलाती है। हमारा पर्यावरण और जिन लोगों के साथ हम खुद को घेरते हैं, वे हमारे व्यवहार और विकल्पों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। अपने आप को सकारात्मक प्रभावों से घेरने का चयन करके, हम अच्छे चुनाव करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के अवसरों में सुधार कर सकते हैं।
हम जिस कंपनी को रखते हैं उसके बारे में सावधान रहना और सकारात्मक प्रभावों की तलाश करना महत्वपूर्ण है जो हमें बढ़ने और बढ़ने में मदद करेगा।
दैनिक जीवन में नैतिक पाठ का निष्कर्ष और अनुप्रयोग।
Sangat Ka Asar Bure Kaam Ka Bura Natija “संगत का प्रभाव बुरे काम का बुरा नतीजा” का नैतिक पाठ हमारे दैनिक जीवन में लागू होता है। हमें उस कंपनी के बारे में सावधान रहना चाहिए जिसे हम रखते हैं और जिन प्रभावों को हम अपने जीवन में अनुमति देते हैं। सकारात्मक प्रभावों और परिवेश का चयन करके, हम अच्छे चुनाव करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के अवसरों में सुधार कर सकते हैं।
यह कहानी हमें याद दिलाती है कि हमारा पर्यावरण और जिन लोगों के साथ हम खुद को घेरते हैं, वे हमारे व्यवहार और विकल्पों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। आइए हम अपने आप को सकारात्मक प्रभावों से घेरने का प्रयास करें और ऐसे विकल्प चुनें जो हमें सफलता और खुशी की ओर ले जाएं।
